एक ऐसी जगह भी है,
जहाँ…,
तैरते हुए,
समंदर के किनारे मिलते हैं ।
सुबह भी मिलती है,
रात के ख्वाब भी मिलते हैं ।
लफ़्ज़ों की चादर में,
लब चुपचाप भी मिलते हैं ।
उलझन मिलती है,
सुलझे जवाब भी मिलते हैं ।
एक ऐसी जगह भी है,
जहाँ…
खुद से मिल जाता,
हूँ मैं कभी कभी ।
सोचता रहता हूँ मैं खो गया,
जो था यहीं अभी ।
हैं नादान जो अपने से,
अनजान भी मिलते हैं ।
शैतान भी मिलते हैं,
वहाँ भगवान् भी मिलते हैं ।
एक ऐसी जगह भी है…
जहाँ सब मिलते हैं खुद से ।
उस जगह मुझे जाना…