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मंज़िल नज़र भर है, राही सफ़र पर है।

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Author: RAHUL RAHI

मफ़्फ़िन केक – Muffin Cake – Hindi Short Story

Posted on May 6, 2018January 5, 2023 by RAHUL RAHI

Muffin Cake – Hindi Short Story   (दृश्य : वृद्धाआश्रम)   एक ४०-४५ साल का व्यक्ति इरला वृद्धाश्रम में मफ़िन (केक) बाँट रहा है। इस व्यक्ति को देखकर सभी बूढ़ी औरतों की आँखों में एक हल्की सी चमक आ गई है। वह एक एक कर सभी के पलंग के पास जा रहा है। एक के…

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आम औरत बड़ी शख़्सियत – Great women of my life – hindi article – women’s day special

Posted on March 5, 2018December 9, 2024 by RAHUL RAHI

मेरे जन्म की कहानी ज़रा अजीब ही है। पूरी फ़िल्मी ही है। कुछ हालतों के चलते यह नौबत आ गई कि डॉक्टर साहब बोल पड़े कि बच्चे और माँ में से सिर्फ़ एक को ही बचाया जा सकता है। मैं इस दुनिया और भीतर की दुनिया के बीच की काँपती सी दहलीज़ पर खड़ा अपने…

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kya hai kitabe – क्या हैं किताबें – hindi poetry

Posted on January 27, 2018 by RAHUL RAHI

kya hai kitabe – क्या हैं किताबें – hindi poetry – rahulrahi.in बेज़ुबाँ किताबों का, दायरा कुछ और है,रास्ता कुछ और है,फ़लसफ़ा कुछ और है। बोलती हैं कुछ नहीं,मौन में विलीन सी,शब्द हैं भरे पड़े,फिर भी शब्दहीन सी,साथ लेके चलती हैं,ज्ञान का प्रवाह सतत,योगीयों की वाणी सा,लाभ है सदा प्रकट,हैं जहाँ वहाँ हैं ख़ुश,कोई भी…

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Best Friend Transgender – प्रिय मित्र तृतीयपंथी – hindi article

Posted on January 27, 2018 by RAHUL RAHI

Best Friend Transgender – प्रिय मित्र तृतीयपंथी – hindi article – rahulrahi.in दो दिन पहले मुझे एक अनोखी रैली में जाने का मौक़ा मिला। रैली का नाम था ‘पिंक रैली’ (गुलाबी रैली कह सकते हैं आप)। अगर मनुष्य के मन की बात करें तो गुलाबी शब्द से एक स्त्रैण भाव का विचार हमारे मन में…

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प्रेम रिक्शा – love session with local auto rickshaw driver – hindi article

Posted on January 24, 2018 by RAHUL RAHI

१४ जनवरी, यह दिन था मकर संक्रांति का। लोग तैयारियों में थे, अपनी छत के ऊपर चढ़ने के लिए कि कैसे थोड़ा सा दिन गुजरे और वह पतंग – मांजा, कुछ खाने का सामान, अपने रिश्तेदार और लाउडस्पीकर लेकर चढ़ जाएं ऊपर. और आसमान में एक दूसरे से पेंच लगाएं, मस्ती करें, मजाक करें। लेकिन…

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Fir hum mile nahin

Posted on September 17, 2017 by RAHUL RAHI

बैठा हूँ सिरहाने,लेटा हूँ गोद में,ज़ुल्फ़ों की छाँव में,वक्त रुका सा है,रेशम रेशम एहसास,जो मेरे चेहरे पर,भँवरे भरी लटें,उनकी कुछ खुशबुएँ,उसका मुझपर झुकना,आँखों में झाँकना,होठों से मेरी नाक को,धीमे से चूमना,आँखे बंद है मेरी, अंदर से जागा हूँ,उसको पता है,लेकिन खामोशी है,दोनों एक साँस को,एकसाथ जी रहे,तेज़ी से बीता पल,अब जाने की बारी,नाक से फिसल…

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मेरे जज़्बात – Feeling of Writers – ग़ज़ल

Posted on September 16, 2017 by RAHUL RAHI

A gazal dedicated to all writers. मेरे जज़्बात – mere jazbat – ग़ज़ल जज़्बातों से जब भी मेरा दिल भर भर आता है,चलती है कलम बस मुझसे रहा नहीं जाता है। क्या क्या गुज़री है जब भी, चुप चाप रह जाता हूँ,पूछते हो तुम मुझ से, तू लिख कैसे पाता है। मुझे नहीं है इल्म…

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PATANG – a love story between India and Pakistan

Posted on September 12, 2017 by RAHUL RAHI

PATANG – a love story between India and Pakistan #rahulrahi #hindipoetry #hindipoem A story stating a love story between 2 people who belongs to different states, and a KITE is becoming a bridge between them.

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When my pen writes –  कब चलती है मेरी क़लम – HINDI POETRY

Posted on September 12, 2017 by RAHUL RAHI

When my pen writes –  कब चलती है मेरी क़लम #rahulrahi #hindipoetry जब – जब दिल भर आता है, बिना कहे इस दुनिया में, जीना दुभर हो जाता है, तब तब चलती है मेरी कलम। जीवन के हर पहलू को, जीकर मरकर और फिर पाकर, कुछ आता मेरे हिस्से जो, तब – तब चलती है है मेरी कलम। किसी…

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The broken Umbrella – फटा हुआ छाता – Hindi Story

Posted on June 20, 2017 by RAHUL RAHI

Broken umbrella – fata hua chhata – hindi story – rahulrahi.in भीम सिंह कभी इतनी तेज़ी से अपने घर की तरफ नहीं चला था। तेज़ बरसात हो रही थी, हाथ में छाता तो था लेकिन लग ऐसा रहा था कि वो मुट्ठी में बंद किसी का मसला हुआ गला था। उसकी कद काठी भी सामान्य…

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