Fir hum mile nahin

hindi poems

बैठा हूँ सिरहाने,
लेटा हूँ गोद में,
ज़ुल्फ़ों की छाँव में,
वक्त रुका सा है,
रेशम रेशम एहसास,
जो मेरे चेहरे पर,
भँवरे भरी लटें,
उनकी कुछ खुशबुएँ,
उसका मुझपर झुकना,
आँखों में झाँकना,
होठों से मेरी नाक को,
धीमे से चूमना,
आँखे बंद है मेरी,
अंदर से जागा हूँ,
उसको पता है,
लेकिन खामोशी है,
दोनों एक साँस को,
एकसाथ जी रहे,
तेज़ी से बीता पल,
अब जाने की बारी,
नाक से फिसल उसके,
होंठ मेरे होंठों पर,
वो आखिरी दिन था,
फिर हम मिले नहीं।

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